नमो ड्रोन दीदी योजना से अब तक 2200 एकड़ में किया गया छिड़काव ,,,
ड्रोन तकनीक से मात्र 10 लीटर पानी का उपयोग करते हुए 7 से 10 मिनट में एक एकड़ क्षेत्र में छिड़काव संभव हो पा रहा है। इस पद्धति से कृषकों का समय एवं जल दोनों की बचत हो रही है तथा पौधों पर उत्पाद का असर भी अधिक प्रभावशाली हो रहा है। परिणामस्वरूप किसानों की रुचि ड्रोन आधारित खेती की ओर बढ़ रही है।
उप संचालक कृषि दीपक नायक ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में अधिक प्रभावी हैं। यह उत्पाद नैनो तकनीक से निर्मित होने के कारण फसलों में शीघ्र असर दिखाते हैं, साथ ही परिवहन एवं भंडारण में भी सरल हैं।
पारंपरिक यूरिया एवं डीएपी की एक बोरी के स्थान पर एक-एक बोतल नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का उपयोग कर कृषक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में धान फसल हेतु नैनो यूरिया का छिड़काव अत्यंत लाभकारी है। उन्होंने यह भी बताया कि नैनो उर्वरकों के उपयोग से न केवल फसलों की उत्पादकता बढ़ रही है, बल्कि रासायनिक उर्वरकों पर शासन द्वारा दिए जाने वाले भारी अनुदान के वित्तीय बोझ में भी कमी आ रही है। नैनो उर्वरक मृदा स्वास्थ्य के लिए भी हितकारी सिद्ध हो रहे हैं।
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