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मां-बेटे का अनोखा संकल्प : मृत्यु उपरांत किया शरीर दान का निर्णय ,,,

इस्पात नगर, रिसाली के ढल्ले परिवार ने किया समाजहित में शरीर दान ,,,

शरीर दान है सबसे बड़ा दान: मां-बेटे ने दिया प्रेरक संदेश ,,,

भिलाई न्यूज़ /  इस्पात नगर, रिसाली (भिलाई) की निवासी श्रीमती शांति ढल्ले और उनके पुत्र चमन ढल्ले ने मृत्यु उपरांत अपने शरीर को मेडिकल कॉलेज में दान करने की घोषणा की है।

👉 आज देश में मेडिकल कॉलेजों और एम्स जैसे अस्पतालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहाँ पर डॉक्टर बनने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा और रिसर्च के लिए मानव शरीर की आवश्यकता होती है। इस दिशा में आस्था संस्था पिछले 20 वर्षों से जनजागृति का कार्य कर रही है।

👉 संस्था के संरक्षक एवं दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल इस अभियान में निरंतर सहयोग और प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं। जो भी व्यक्ति शरीर दान का संकल्प लेता है, उसे संस्था की ओर से सम्मान पत्र देकर स्वागत एवं सम्मानित किया जाता है। इसी क्रम में ढल्ले परिवार ने भी यह पुण्य कार्य करने का संकल्प लिया है।

श्रीमती शांति ढल्ले जी ने कहा - "यह शरीर नश्वर है। इसे जलाने या दफनाने के बजाय अगर मेडिकल कॉलेज में दिया जाए तो हमारे शरीर से बच्चे प्रैक्टिकल करके शिक्षा प्राप्त करेंगे। यह हमारे लिए सबसे बड़ा पुण्य और नोबेल कार्य होगा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि और लोग भी इस पुनीत कार्य में आगे आएं ताकि देश को अच्छे डॉक्टर मिल सकें।"

इस अवसर पर सांसद विजय बघेल ने मां-बेटे को शुभकामनाएँ देते हुए कहा - "व्यक्ति पूरा जीवन अपने और अपने परिवार के लिए जीता है, लेकिन आज मां-बेटे ने मृत्यु उपरांत अपने शरीर को देश और समाज के लिए समर्पित करने का निर्णय लिया है। यह एक अत्यंत पुनीत और अनुकरणीय कार्य है।" इस कार्यक्रम में संस्था के संस्थापक प्रकाश गेडाम भी उपस्थित रहे।

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