दुर्ग न्यूज़ / दुर्ग ग्राम कोड़िया स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला परिसर में आयोजित "मोर गांव मोर पानी , एक सोखता संतान के नाम" एवं "एक वृक्ष माँ के नाम" अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से दुर्ग ग्रामीण विधायक व राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष ललित चंद्राकर जिला पंचायत सभापति श्रद्धा साहू, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष राकेश हिरवानी, जनपद पंचायत सीईओ रूपेश पांडेय, सरपंच खुमान निषाद , उपसरपंच कुलेश्वर निर्मलकर , प्राचार्य नीलमणि , आनंद चंद्राकर, राधेलाल साहू, दिनेश दीपक, श्रीमती मंजू चंद्राकर, तिलक निषाद, अमेरिका मंडावी, जीतू साहू, सोहाद्र साहू, मनीषा यादव, ज्ञानेश्वर साहू, चम्पी निषाद, शुमित्रा यादव, लक्ष्मी भारद्वाज सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन एवं छात्र-छात्राएं की उपस्थित में संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम के माध्यम से जल संकट से निपटने और हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सभी को प्रेरित किया। साथ ही विद्यालय परिसर में सोखता गड्ढ़े के निर्माण का अवलोकन किया गया और उपस्थित सभी छात्र-छात्रा, गणमान्य लोगो को विधायक ललित चंद्राकर द्वारा शपथ दिलाया गया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को वृक्ष वितरण करते हुए प्रत्येक को अपने घर में एक सोखता और एक पेड़ लगाने की अपील की। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री आवास लक्ष्मी साहू के आवास परिसर में वृक्षारोपण कर किया गया और सभी हितग्राहियों के घर सोखता निर्माण व वृक्षा रोपण करने की अपील किया गया।
कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने कहा कि वर्षा के जल का संरक्षण करना हम सभी की सामुहिक जिम्मेदारी है। हमें अपने अपने घरों में सोखता गढ्ढ़ा का निर्माण कर हम सभी को मिलकर जल संरक्षण का कार्य करना होगा। जिससे अधिक से अधिक जल का संरक्षण हो सके और पर्यावरण का संतुलन बना रहे।
आगे श्री चंद्राकर ने कहा मोर गांव, मोर पानी" छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू किया गया एक जल संरक्षण अभियान है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों का संरक्षण और पुनर्भरण करना है। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य प्रत्येक गांव में स्वच्छ और पर्याप्त जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है, ताकि किसानों, पशुपालकों और आम नागरिकों को जल संकट से बचाया जा सके।
इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य श्रद्धा साहू ने लोगो को। प्लास्टिक मुक्त आभियान के बारे में जानकारी दी। प्लास्टिक के दुष्परिणाम के बारे में जानकारी प्रदान किया और गांवों में बर्तन बैंक स्थापना हेतु प्रेरित किया।
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