ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से मोदी सरकार की उपलब्धि है और कोई अन्य नेता इतनी सटीकता से यह सैन्य कार्रवाई नहीं कर सकता था - चंद्रबाबू नायडू ,,,
भारत न्यूज़ / आंध्र प्रदेश के सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू ने हालिया इंटरव्यू में देश की सुरक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण और चुनावी सुधारों को लेकर अपने स्पष्ट विचार रखे। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को केंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया और पीएम नरेंद्र मोदी की कुशल रणनीति की सराहना की। साथ ही वक्फ अधिनियम और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ जैसे जटिल मुद्दों पर भी अपना पक्ष साफ किया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से मोदी सरकार की उपलब्धि है और कोई अन्य नेता इतनी सटीकता से यह सैन्य कार्रवाई नहीं कर सकता था। उन्होंने कहा, यह हमला दुर्भाग्यपूर्ण था, जिसमें पतियों को पत्नियों के सामने मार डाला गया। लेकिन हमारी जवाबी कार्रवाई निर्णायक और सीमित रही।
20 मिनट के भीतर 09 आतंकी शिविर तबाह
सीएम नायडू ने बताया कि यह ऑपरेशन 7 मई को शुरू हुआ, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी शिविरों को 20 मिनट के भीतर नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जबकि भारत ने नागरिकों और रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना न बनाकर मानवीय दृष्टिकोण अपनाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि यह संघर्ष लंबा खिंचता, तो भारत को नुकसान हो सकता था।
पीएम मोदी को बताया वैश्विक मजबूत नेता
श्री नायडू ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पूरे अभियान को कुशलता से नियंत्रित किया और संभावित युद्ध की स्थिति को टाल दिया। उन्होंने कहा, मोदी अब वैश्विक मंच पर एक मजबूत नेता के रूप में उभर रहे हैं, जो भारत के लिए गर्व की बात है। राहुल गांधी के इस बयान पर कि भारत ने अमेरिका के दबाव में काम किया, नायडू ने कहा कि, हम आत्मनिर्भर देश हैं, ट्रंप को कौन कंट्रोल करेगा?
वक्फ अधिनियम को लेकर उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। उन्होंने वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग की वकालत की और कहा कि, टीडीपी सभी धर्मों और समुदायों की पार्टी है। मुसलमानों के कल्याण के लिए वक्फ संपत्तियों का पारदर्शी उपयोग जरूरी है।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनके कार्यकाल में अविभाजित आंध्र प्रदेश के 13 जिलों में उर्दू को दूसरी भाषा का दर्जा दिया गया था। हालांकि कांग्रेस और AIMIM जैसे विपक्षी दलों ने इस अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, लेकिन नायडू ने इसे समुदाय के हित में बताया।
"एक राष्ट्र, एक चुनाव" का समर्थन
चंद्रबाबू नायडू ने लंबे समय से लंबित "एक राष्ट्र, एक चुनाव" के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि बार-बार चुनाव लोकतंत्र और प्रशासन को बाधित करते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में एक ही साल में दो-दो चुनाव हुए, अब बिहार की बारी है। इससे नीतिगत स्थिरता प्रभावित होती है। उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार आचार संहिता लगने से राज्य सरकारें सुचारू रूप से काम नहीं कर पातीं, इसलिए चुनावी सुधार जरूरी हैं।
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